Lucknow|Bushra Aslam | लखनऊ का नाम आते ही नवाबो का ख्याल आता है,लेकिन 10/11 शताब्दी मे लखनऊ नवाबो का शहर नही महाराजा लाखन पासी का राज्य हुआ करता था।लाखन पासी के नाम से बसाया गया ये शहर आज भी उस समय की याद दिलाता है,किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की भव्य इमारत, बड़ा इमाम बाडा, मच्छी भवन एव टीले वाली मस्जिद के आस पास के समस्त क्षेत्र के स्थान पर कभी राजा लाखन पासी का किला हुआ करता था। लखनऊ का नाम भी लाखन पासी की पत्नी लखनावती के नाम पर ही पड़ा।राजा लाखन पासी नाग के बड़े उपासक थे,उन्होंने लखनावती वाटिका के निर्माण के साथ ही वाटिका के पूर्वी किनारे पर नाग मंदिर बनवाया।समय के साथ राज पाठ बदला लेकिन लाखन पासी द्वारा बनाया जल कुंड सोलहवीं शताब्दी तक अपने राजा की पहचान बनाए रख्खा।उस समय लखनऊ पर राज्य कर रहे शेखजादों ने इस कुंड में रंग बिरंगी मछलियों को पाला और उस लाखन कुंड का नाम मच्छी कुंड पड़ा। शेखजादों ने कालांतर में इसी स्थान पर 26 द्वार के एक दिव्य भवन का निर्माण कराया जिसके प्रत्येक द्वार पर मछलियों का एक जोड़ा का भी निर्माण कराया। इस भवन का नाम मच्छी भवन रखा गया। इतिहास को देखे तो कालान्तर से ही राजाओ में एक दूसरे के राज्य को अपने अधीन करने की परम्परा रही है,गाजी मियां और पासियों की लड़ाई राजपाट की थी। राजा लाखन पासी के राज्य पर जब सैयद सालार मसूद गाजी ने हमला किया तो अपनी जीत सुनिश्चित करने के सारी बातो को ध्यान मे रखकर तय किया था कि राजा लाखन और कसमंडी के राजा कंस दोनों मित्र हैं दोनों पर एक ही दिन हमला किया जाय ताकि वह एक दूसरे की मदद न कर सके। सैय्यद सालार मसूद गाजी की फौज ने होली की शाम को हमला किया,जब लाखन पासी दुर्ग में आराम कर रहे थे। होली के पर्व था सिपाही भी आराम कर रहे थे।किले पर अचानक हुए आक्रमण का सुनकर राजा घोड़े पर सवार होकर फौज के साथ रण भुमि में जा डटे।युद्ध बड़ा भयंकर था भीषण रक्तपात हुआ। राजा लाखन के सैनिक गाजी की सेना पर शेरों की भांति टूट पड़े।राजा लाखन पासी मोर्चा संभाले रहे थे तभी एक सैनिक ने पीछे से राजा की गर्दन पर तलवार मार दी। राजा लाखन का सर धड़ से अलग हो गया। इस लड़ाई के बाद उस जगह का नाम सरकटा नाला पड़ा। चौपटिया नामक स्थान पर स्थित अकबरी दरवाजे के पास ही युद्ध हुआ था। जिस समय राजा का धड़ सर से अलग हुआ था उस समय सर कटने पर भी राजा का धड़ हाथों में तलवार लिए घोड़े पर सवार युद्ध कर रहे थे, गाजी के कई सैनिक मारे गए थे। बिना सर के धड़ की करामात देख गाजी के सैनिक भी घबरा गए थे।ऐसे बहादुर थे राजा लाखन पासी।
लखनऊ नवाबो का शहर नही, महाराजा लाखन पासी का राज्य हुआ करता था !
Jaighosh
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