मंदिर में कभी न करें ये गलतियाँ

Image of a Hindu temple
नातन धर्म मे भगवान के सानिध्य मे जाने का मार्ग मंदिर से होकर जाता है। मंदिर में हम केवल भगवान के दर्शन ही नही करते, बल्कि हमारे जीवन मे सकारात्मकता आती है। कठिन परिस्थिति मे खुद को स्थापित रखने की शक्ति मिलती है।अपनी भक्ति के फल की प्राप्ति होती है।ऐसे मे मंदिर मे दर्शन एवं पूजा-पाठ के दौरान की गई छोटी सी गलती, हमारे पुण्य कर्म को निष्फल बना देती है।वेदो और शास्त्रो के अनुसार हिन्दु धर्म मे, मंदिर जाने के कुछ नियम होते है, जिनकी अनदेखी हमे नुकसान दे सकती है। मंदिर मे मन की शांति के साथ और कई लाभ भी प्राप्त होते हैं। आइये इस लेख में जानते हैं कि अपने आराध्य के दर्शन के कौन से नियम है, मंदिर मे क्या नही करना चाहिए, और पूजा-पाठ के बीच किन गलतियों से बचना चाहिए  

पाव धोकर जाएं मंदिर 

सनातन धर्म में साफ सफाई का बहुत ध्यान रख्खा जाता है। खास कर जब बात मंदिर जाने की हो। दर्शन के पूर्व पाँव धोने को विशेष महत्व दिया गया है। जब भी मंदिर जायें तो पैरों को धो लें। फिर प्रवेश करें। पैर धोएं बिना मंदिर मे प्रवेश नहीं करना चाहिए।


मंदिर मे पीछे पूजा 

अक्सर लोग भगवान के दर्शन के उपरांत मंदिर मे पीछे भी जाकर पूजा करने लगते हैं। लेकिन ऐसा एकदम नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसा करते है तो आपकी पूजा निष्फल हो जाएगी।


परिक्रमा

हमे बाएं हाथ से परिक्रमा की शुरूआत करनी चाहिए। ज्यादातर किसी भी दिशा से परिक्रमा शुरू कर दी जाती हैं। पर ऐसा नहीं करना चाहिए।


मूर्ति के सामने खड़े होने का नियम

मंदिर में भगवान के ठीक सामने नही खड़े होना चाहिए।बल्कि मूर्ति के सामने खड़े होते वक्त सीधा सामने न होकर थोड़ा तिरछा ही खड़े हो।


दर्शन के समय गलती 

मंदिर मे आरती या दण्डवत प्रणाम कर रहे व्यक्ति के सामने से निकलना वर्जित माना जाता है।

अतः देवी-देवता को दंडवत प्रणाम कर रहे व्यक्ति के आगे से ना  निकले।


वाद- विवाद

कोई भी इंसान सुख-शांति के लिए मंदिर आता है,लेकिन आमतौर पर देखा जाए तो लोगों कतार में आगे जाने के लिए बहस करते है। भगवान के दर्शन के समय ये गलती एकदम ना करे। सुकून और शांति के साथ मंदिर जाएँ और ईश्वर का ध्यान करे।

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