"चलता चलता काल चक्र,अमृत काल का भाल चक्र, सबके सपने अपने सपने, पनपे सपने सारे, धीर चले वीर चले, चले युवा हमारे"
प्रधान मंत्री अपना लगातार 10वां स्वतंत्रता दिवस भाषण देते हुए, भारत की आजादी के 77वें साल के मौके पर लाल किले से देश को संबोधित किया. उन्होंने देश के समृद्ध ऐतिहासिक एव सांस्कृतिक महत्व को बताते हुए अमृतकाल पर भारत के प्रयास का अनुमान लगाया। उन्होंने बताया कि कैसे भारत के आर्थिक पुनरुत्थान ने समग्र वैश्विक स्थिरता और पुनरुत्थान के ध्रुव के रूप में कार्य किया है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत 140 करोड़ भारतीयों के परिवार से की. ज्यादातर देशवासियों शब्द का इस्तेमाल करने वाले पीएम मोदी अपने पूरे संबोधन के दौरान' मेरे परिवारजनों' बोलते रहे।
उपलब्धियों का बखान और भविष्य के लिए रोडमैप
उनके संबोधन में अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान और भविष्य के लिए रोडमैप था। उन्होंने इतिहास का जिक्र कर आने वाले कल के लिए देशवासियों को आगाह किया तो भ्रष्टाचार,परिवारवाद और तुष्टिकरण को लेकर किसी का नाम लिए बगैर विरोधी दलों पर जमकर निशाना भी साधा.
राजनीतिक परिवारवाद पर हमला
पीएम मोदी ने कहा कि देश को 2014 में राजनीतिक मजबूरियों से मुक्ति मिली थी. आज देश में ऐसी सरकार है जो देश के संतुलित विकास के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि देश ने एक स्थिर सरकार दी है जिसका मोटो है- राष्ट्र प्रथम. पीएम ने कहा कि 2019 में देशवासियों ने मजबूत सरकार फॉर्म की, मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत आई. ब्यूरोक्रेसी ने परफॉर्म किया और हम ट्रांसफॉर्म कर पाए."
दिया दस साल का हिसाब
उन्होंने आगे कहा मैं 10 साल का हिसाब तिरंगे को साक्षी रखके लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को दे रहा हूं। 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ भारत सरकार की तरफ से दिए जाते थे, पिछले 9 साल में ये आंकड़ा 100 लाख करोड़ पर पहुंचा है। पहले स्थानीय निकाय के विकास के लिए भारत सरकार से 70 हजार करोड़ जाता था आज वो 3 लाख करोड़ से ज्यादा है। पहले गरीबों के घर के लिए 90 हजार करोड़ रुपये खर्च होता था आज 4 लाख करोड़ रुपये खर्च होता है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी नीयत पर कोई सवाल या सवालिया निशान नहीं है.हमें रुकना नहीं है.भारत के सामर्थ्य में कोई कमी नहीं है.2047 तक विकसित भारत बनाना ही होगा. पीएम ने कहा कि मैं आपके लिए जीता हूं.मुझे सपना भी आपके लिए आता है.आप मेरा परिवार हैं, मैं आपके दुख को नहीं देख सकता.आपका साथी,सेवक बनकर चलना चाहता हूँ |
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