कारगिल युद्ध में पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य क्षमताओं का एहसास किया था: योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कारगिल युद्ध में पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य क्षमताओं का एहसास किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  कार्यक्रम स्थल में पहुंचकर कारगिल युद्ध में शहीद हुए देश के सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कारगिल में शहीद हुए सैनिकों को याद करते हुए योगी ने कहा कि कारगिल का युद्ध अत्यंत विषम परिस्थितियों में लड़ा गया था। 1999 में मई के महीने में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ के बाद शुरू हुआ यह युद्ध 26 जुलाई को भारत की जीत की औपचारिक घोषणा के साथ समाप्त हुआ था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज नए भारत में हम सब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं और इस नए भारत में हर नागरिक को सुरक्षा की गारंटी है। उन्होंने कहा कि नए भारत में आतंकवाद घुसपैठ और नक्सलवाद की कोई जगह नहीं है। नए भारत में हर व्यक्ति को समान रूप से जीवन जीने का अवसर प्रदान किया गया है।



उन्होंने बताया कि कैप्टन मनोज पांडे के नाम पर देश के पहले सैनिक स्कूल का नामकरण किया गया है। इस दौरान कार्यक्रम में पधारे अमर शहीदों के परिजनों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। यह सम्मान परमवीर चक्र विजेता मनोज पांडे के पिता गोपीचंद पांडे, अमर शहीद मेजर रितेश शर्मा के पिता सत्य प्रकाश शर्मा, लांस नायक केवलानंद द्विवेदी की पत्नी कमला दिवेदी और अमर शहीद राइफलमैन सुनील जंग की मां वीना महत को इन वीर सपूतों के सर्वोच्च बलिदान के लिए दिया गया।

देश के विकास के लिए न केवल केंद्र और राज्य सरकारें बल्कि प्रत्येक नागरिक अपने स्तर पर कार्य करते हुए नागरिक सुविधा और लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उन सभी तबके तक पहुंचने का कार्य हो रहा है जो आजादी के बाद कहीं भी वंचित था या किसी भी स्तर पर अपेक्षित था। उन्होंने आगे कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भारत माता के जो भी जवान अपना बलिदान देते हैं उन सभी के बलिदान की कोई कीमत नहीं हो सकती है, वो अविस्मरणीय है, पूरे राष्ट्र के लिए वंदनीय है लेकिन प्रदेश सरकार ने उनके परिवारजनों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए एक व्यवस्था दी है कि जो भी जवान देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए या आंतरिक सुरक्षा में शहीद होता है तो राज्य सरकार भी अपने स्तर पर जवान के परिवारों को ₹5000000, परिवार के सदस्य को उत्तर प्रदेश शासन में सेवा का अवसर देने और उनके नाम पर किसी संस्था या मार्ग का नामकरण करने की व्यवस्था भी पिछले 6 वर्षों से हम लोगों ने प्रदेश में लागू की है ।

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