भारत कल 15 अगस्त को अपना 76वा स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है,लेकिन क्या आप जानते है कि,आजादी की ये तारीख भी अंग्रेज गवर्नर की जिद ने तय की थी। देश ने अपना स्वतंत्रता का दिन 26 जनवरी तय किया था।साल 1930 से लेकर 1947 तक 26 जनवरी के दिन को भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था। जिसका फैसला 1929 में लाहौर के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में हुआ था, इस अधिवेशन में भारत ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। लेकिन उस समय अंग्रेजो का भारत पर शासन था और ब्रिटिश गवर्नर लॉर्ड माउंटबेटन 15 अगस्त के दिन को अपने कार्यकाल के लिए बहुत सौभाग्यशाली मानते थे। चूंकि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1945 में 15 अगस्त के ही दिन जापान की सेना ने ब्रिटेन के सामने उनकी अगुवाई में आत्मसमर्पण किया था। माउंटबेटन उस समय सभी देशों की संबद्ध सेनाओं के कमांडर थे। माउंटबेटन ने ही निजी तौर पर भारत की स्वतंत्रता के लिए 15 अगस्त का दिन तय करके रखा था.लॉर्ड माउंटबेटन की योजना वाली 3 जून की तारीख पर स्वतंत्रता और विभाजन के संदर्भ में हुई बैठक में ही यह तय किया गया था। लेकिन जब स्वतंत्रता का तय दिन सार्वजनिक रूप से घोषित किया गया, तब देश भर के ज्योतिषियों में आक्रोश पैदा हुआ। क्योंकि ज्योतिषीय गणना के अनुसार 15 अगस्त 1947 का दिन अशुभ और अमंगलकारी था। विकल्प के तौर पर दूसरी तिथियां भी सुझाई गईं लेकिन माउंटबेटन 15 अगस्त की तारीख पर ही अड़े रहे,ये उनके लिए खास तारीख थी। आखिरी समस्या का हल निकालते हुए ज्योतिषियों ने बीच का रास्ता निकालाऔर 14 और 15 अगस्त की मध्यरात्रि का समय सुझाया और इसके पीछे अंग्रेजी समय का ही हवाला दिया गया। अंग्रेजी परंपरा में रात 12 बजे के बाद नया दिन शुरू होता है। वहीं हिंदी गणना के अनुसार नए दिन का आरंभ सूर्योदय के साथ होता है। ज्योतिषी इस बात पर अड़े रहे कि सत्ता के परिवर्तन का संभाषण 48 मिनट की अवधि में संपन्न किया जाए,जो कि अभिजीत मुहूर्त में आता है. इसलिए देश को आजादी आधी रात के समय मिली थी। माउंटबेटन का वो शुभ दिन हम भारतवंशियो का अमर दिवस बन गया।
कैसे तय हुई थी भारत की आज़ादी की तारीख़ - 15 अगस्त
Jaighosh
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