राष्ट्रीय
जांच एजेंसी (एनआईए) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर उत्तर भारत की
जेलों में बंद 10 से 12 गैंगस्टर्स को अंडमान निकोबार द्वीप समूह की जेल में शिफ्ट करने की
अपील की है। इसके अलावा, NIA कुछ गैंगस्टरों को असम की डिब्रूगढ़
सेंट्रल जेल में भेजने के विकल्प पर भी विचार कर रही है। यह फैसला गृह मंत्रालय के
अधिकारियों और NIA के अफसरों के बीच हुई एक लम्बी बैठक में लिया गया ।
अंडमान
निकोबार में बनी जेल को अपराधियों के लिए काफी सख्त माना जाता है। अंग्रेजों के
ज़माने में ये जेल काला पानी के नाम से बदनाम थी। यहाँ रह रहे कैदियों के लिए बहरी
दुनिया से संपर्क रख पाना लगभग नामुमकिन है। एनआईए का मकसद है कि खूंखार अपराधियों
को कालापानी शिफ्ट करके उनके नेटवर्क को ध्वस्त करें और उनके अपराधों को रोकें।
एनआईए
की मांग:
गृह
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, एनआईए दिल्ली, पंजाब और
हरियाणा की जेलों में बंद उन गैंगस्टरों को अंडमान निकोबार जेल में भेजना चाहती है
जो यहां की जेलों में बंद रहकर अपना क्राइम सिंडिकेट चला रहे हैं। एनआईए की यह
कोशिश है कि वो इन गैंगस्टर के नेटवर्क को ध्वस्त कर दें और बढ़ते अपराधों को
रोकें।
जेलों
में ट्रांसफर प्रक्रिया:
इस
प्रस्ताव के अनुसार, प्रारंभिक रूप में एनआईए की योजना थी कि गैंगस्टरों को दक्षिण भारत
की जेलों में स्थानांतरित किया जाए, लेकिन इसके लिए राज्य सरकारों से
अनुमति लेनी होगी। इसके विपरीत, अंडमान निकोबार द्वीप समूह केंद्र
शासित प्रदेश है, और इसलिए वहां इन गैंगस्टरों को शिफ्ट किये जाने के लिए केंद्र को
किसी से अलग से इजाजत लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
गैंगस्टरों
का व्यापक नेटवर्क:
हाल
ही में क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है कि जेल में बंद गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई
और संपत नेहरा अपने अपराधिक सिंडिकेट को जेल में बैठकर चला रहे हैं। वे युवा
लड़कों को रिक्रूट कर रहे हैं और उनसे भारत भर में रंगदारी एवं अन्य अपराध करवा
रहे हैं। उनके अपराधों को रोकने के लिए, एनआईए की यह पहल है कि उन्हें अंडमान
निकोबार जेल में ट्रांसफर किया जाए।
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