सबको प्यारे थे अटल बिहारी
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के ऐसे अद्वितीय नेता थे, जिनकी सादगी, विद्वत्ता और संवेदनशीलता ने उन्हें जन-जन का प्रिय बना दिया। उनका जीवन देशभक्ति, समर्पण और संघर्ष का प्रतीक है। 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, दूरदर्शी नेता, संवेदनशील कवि और एक सच्चे मानवतावादी थे। उनके जीवन और योगदान को विस्तार से जानना हर भारतीय के लिए प्रेरणादायक है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म एक साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी एक शिक्षक और कवि थे। पिता के साहित्यिक रुझान का गहरा प्रभाव अटल जी पर पड़ा। उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब लक्ष्मीबाई कॉलेज) से स्नातक किया और डीएवी कॉलेज, कानपुर से राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्रथम श्रेणी में प्राप्त की।
छात्र जीवन से ही अटल जी में देशभक्ति की भावना प्रबल थी। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े और इसके आदर्शों को आत्मसात किया। उनके राजनीतिक जीवन की नींव इन्हीं दिनों में पड़ी।
राजनीतिक सफर
अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक सफर 1951 में शुरू हुआ, जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई। उन्होंने जनसंघ को देशभर में लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1957 में वे पहली बार बलरामपुर से लोकसभा सांसद चुने गए। संसद में उनके ओजस्वी भाषणों ने पंडित नेहरू तक को प्रभावित किया, जिन्होंने भविष्यवाणी की थी कि अटल जी एक दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे।
1968 से 1973 तक वे जनसंघ के अध्यक्ष रहे। 1977 में जनता पार्टी सरकार में विदेश मंत्री के रूप में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया।
प्रधानमंत्री के रूप में योगदान
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। पहली बार 1996 में वे मात्र 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने। दूसरी बार 1998 में उन्होंने सरकार बनाई और 1999 में पुनः प्रधानमंत्री बने। उनका कार्यकाल 2004 तक चला। उनके नेतृत्व में भारत ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल कीं।
पोखरण परमाणु परीक्षण
1998 में वाजपेयी जी के नेतृत्व में भारत ने पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया। यह देश की सुरक्षा और स्वाभिमान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करते हुए भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाया।
आर्थिक और बुनियादी ढाँचा विकास
अटल जी की आर्थिक नीतियाँ और दृष्टिकोण भारत को नई ऊँचाइयों पर ले गए। उनके कार्यकाल में स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुआत हुई, जिसने देश को आधुनिक सड़क नेटवर्क प्रदान किया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने ग्रामीण भारत को शहरी इलाकों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।
भारत-पाक संबंध
अटल जी ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रयासों को नई दिशा दी। 1999 में उन्होंने लाहौर बस यात्रा की शुरुआत की और पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध सुधारने का प्रयास किया। हालांकि, करगिल युद्ध ने उनके प्रयासों को चुनौती दी, लेकिन उन्होंने दृढ़ता से देश का नेतृत्व किया।
साहित्य और काव्य
अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के साथ-साथ साहित्य और काव्य में भी निपुण थे। उनकी कविताएँ संवेदनशीलता और गहरी भावनाओं से भरपूर हैं। उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ जैसे "मेरी इक्यावन कविताएँ" आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। उनकी कविताएँ न केवल राष्ट्रीय भावना जागृत करती हैं, बल्कि मानवीय मूल्यों को भी उजागर करती हैं।
व्यक्तित्व और विरासत
अटल जी का व्यक्तित्व अद्वितीय था। वे विपक्ष के नेता होने पर भी सभी दलों के प्रिय थे। उनकी विनम्रता, शालीनता और धैर्य ने उन्हें सभी का सम्मान दिलाया। उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरी।
16 अगस्त 2018 को अटल जी ने इस दुनिया को अलविदा कहा, लेकिन उनकी स्मृति आज भी हर भारतीय के दिल में जीवित है। उनके सम्मान में दिल्ली में 'सदैव अटल' स्मारक स्थापित किया गया। उनकी जन्मतिथि 25 दिसंबर को 'सुशासन दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
मुझे हाट में छोड़ अकेला
एक एक कर मीत चला
जीवन बीत चला।
~Atal Bihari Vajpayee
एक टिप्पणी भेजें