जन्माष्टमी पर ऐसे बनायें लड्डू गोपाल के लिए धनिया पंजीरी

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण माने जाते है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में जन्माष्टमी मनाई जाती है। अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात के समय मां देवकी के गर्भ से श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। इसी धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत रखने की परम्परा है। कृष्ण भक्त आधी रात के बाद भगवान कृष्ण के अवतरण पर विशेष पूजा भजन कीर्तन करते हैं। 

जानते हैं कि इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत कब रखा जा रहा है, कैसे पूजा की जानी चाहिए और किस चीज का भोग भगवान को लगाना चाहिए।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तिथि और पूजा विधि

इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर,बुधवार को मनाई जाएगी। भक्त दिन मे व्रत का पालन करके  रात व्रत का पारण करेंगे।

इस दिन लड्डू गोपाल को पीले रंग के नए वस्त्र पहनाएं जाते है। उनका श्रृंगार किया जाता है। बांसुरी और मोर पंख चढ़ाकर पालने में लड्डू गोपाल को झूला झुलाया जाता है। फल में खीरे का भोग लगाने के साथ जन्माष्टमी पर पंजीरी का भोग लगाया जाता है।

यू तो कृष्ण जी को माखन से लेकर पंचामृत तक का भोग लगाया जाता है। लेकिन इसके इतर कहीं-कहीं कृष्ण को धनिया की पंजीरी भी अर्पित की जाती है। ऐसा माना जाता है कि श्रीकृष्ण को धनिये की पंजीरी भी बेहद पसंद है। आप भी इस बार जन्माष्टमी भोग की थाली में  धनिया की पंजीरी रखे। ये भोग विशेष रूप से जन्माष्टमी पर ही बनाया जाता है। आइए जानते है कैसे बनाया जाए लड्डू गोपाल का प्रिय भोग -

धनिया पंजीरी बनाने की रेसिपी 

सामग्री

■ एक कप धनिया पाउडर 

■ दो चम्मच घी 

■ आधा कप चीनी पाउडर 

■ आधा कप कटे हुए मखाने 

■ आधा कप कद्दूकस नारियल 

■ बारीक कटे हुए काजू

■ बारीक कटे हुए बादाम

■ चिरौंजी

■ खरबूज के बीज

बनाने का तरीका 

सबसे पहले एक कहाड़ी में घी गर्म कर उसमें धनिया को डाल कर भूनें।  5-7 मिनट तक भूनने के बाद उसे एक प्लेट में अलग कर ले। अब सभी मेवे जो आप के पास हो भून लें। अब धनिया, चीनी और नारियल को भी मिला लें और फिर पंजीरी को भोग वाली थाली में निकाल लें। आपकी धनिया पंजीरी बनकर तैयार है।

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